माँ
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गीतिका-माँ
मिली माँ जमीं को सितारा मिला।
हमें इस जहाँ में सहारा मिला।
मिली हो कि जैसे दुआ अनकही,
बिना कुछ कहे नेह प्यारा मिला।
रखा क्या धरा पर जिसे निज कहें,
हमें माँ मिली सब हमारा मिला।
दिया था डुबो इस जहाँ ने जिसे,
उसे हाथ माँ के किनारा मिला।
लिये गोद ‘हेमा’ दिखे लाल को,
सुखद ये बड़ा ही नजारा मिला।
✍हेमा तिवारी भट्ट✍
मुरादाबाद