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21 Nov 2018 · 2 min read

माँ

19/

माँ जो होती है ना !
वो क्या होती है,ये कोई नहीं जानता
वो भी नहीं,जो माँ है
गर्भ में बीज के पड़ते ही एक तिलिस्म हो जाती माँ
बच्चे के जन्मने से भी बहुत-बहुत पहले
और तब अपनी कल्पनाओं की क्यारी में खिले
फूलों को सहेजती है बार-बार और
अपने आकाश के आसमान को निरखती है न जाने कितनी ही बार
एक सूक्ष्म सा बीज बदल देता है कैसे उसके व्यक्तित्व को
यह समझना हो तो एक छोटे से बीज को
किसी ज़मीन में रोपकर उसमें रोज पानी देना शुरू करो
और कुछ समय बाद उसके ज़मीन से बाहर निकलने की
हर प्रक्रिया को देखते रहो और महसूस करो उसका स्फुरण
हर बार चौंक जाओगे जब ग़ौर से उसे तुम देख जो पाए
तो माँ की देह के भीतर हो रहे सतत गतिमान परिवर्तनों का
जब तुम्हें कुछ भी पता नहीं होता……
उन परिवर्तनों की हर गन्ध को महसूसती है एक माँ
अपनी ही मादक देह-गन्ध के आवेश में
सकुचाती-इठलाती और किसी अन्य वितान में जीती है माँ
माँ बोले तो इक अखण्ड प्रेम,इक वेगवती धारा
माँ बोले तो इक अनन्त प्यास,इक असीम अभीप्सा
माँ बोले तो इक समूचे ब्रह्मांड में बसा अनुरक्त प्रेम
माँ बोले तो सदिच्छाओं और प्रेम के मूल का अगाध समुच्चय
असल में गर्भ नहीं धारण करती माँ
समस्त प्रकृति को धारण करती है वो
और इसे धारण करते ही करुणा का एक विराट नभ हो जाती वो
माँ के आँसुओं को कभी सच्चे दिल से देख पाओ तुम
संसार की समस्त पवित्रता के मासूम वाहक होते हैं वो
और तब जब कुछ नहीं बोलती दिखती माँ
तब सबसे अधिक बोल रही होती है वो
माँ बोले तो सुकून भरा अवनिर्वचनीय अहसास
माँ बोले तो सुदूर अंतरिक्ष से आती एक प्रेमिल सदा
माँ बोले तो देह में घटने वाले हर स्पंदन की आहट
माँ बोले तो एक बेबूझ पहेली, एक अतुकांत कविता
यह संसार असल में ब्रह्मांड में नहीं
बल्कि इक माँ में बसता है और उसी की चाहतों से निखरता है
बस इसीलिए यह कहते हुए संकोच नहीं मुझे
कि पुरूष तो कभी-कभी ही बुद्ध बनता है
लेकिन अपने मातृत्व के दौरान इक माँ सदैव बुद्ध हुआ करती है !!
उस बुद्ध के पदों का प्रक्षालन करना सबसे बड़ी पूजा है
और उसकी पीड़ाओं का आचमन सबसे बड़ी आराधना
काश एक माँ जान पाती किसी दूसरी माँ का दर्द
तो यह पृथ्वी दरअसल प्रेम से पटी हुई होती
और हम सब पूरा तो नहीं मगर
महसूस कर पा रहे होते एक माँ को माँ की तरह !!

राजीव थेपड़ा
दिल्ली के राजौरी गार्डन के एक पार्क में
सुबह 7:30 से 8 बजे के बीच
27 मार्च 2018

5 Likes · 31 Comments · 603 Views
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