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14 Nov 2018 · 1 min read

माँ

हमारी आंखों के अश्रुओं को अपनी आंखों में समां लेती है माँ
अपनी हर एक मुस्कान को हम बच्चो पर लुटा देती है माँ,

जब भी हमे कोई तकलीफ हो तो सारी खुशियां न्योछावर कर देती है माँ
जब भी हमे ठोकर लगे बार बार याद आती है माँ,

धूप भरी भागदौड़ में अपने अंचल में शीतल छाया देती है माँ
खुद चाहे कितनी भी थकी हो हमे देखकर अपनी थकान मिटा लेती है माँ,

बच्चे कैसे भी हो हर मोड़ पर उनकी रक्षा करती है माँ
बचपन से ही आदर्शों की पालना करना सिखाती है माँ,

अपने शब्दों में बयां नही कर सकता ऐसी होती है माँ
भगवान का साक्षात मार्गदर्शित रूप होती है माँ।।

निशान्त गुप्ता
नगर(भरतपुर)राजस्थान

14 Likes · 49 Comments · 1231 Views

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