Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Nov 2018 · 1 min read

माँ

माँ दिया जन्म तुमने, बना दिया अस्तित्व मेरा।
अपने हाड-माँस से।
माँ कर दिया खड़ा तुमने, मुझे इस संसार में।
अपने दूध-रक्त से।
माँ सजा दिया मुझे तुमने, लगा काज़ल का टीका।
अपने ईश्वरी हाथों से।
माँ सिखा दिया चलना तुमने, छोटे-छोटे कदम भरना।
अपनी ऊँगली के सहारे से।
माँ पढ़ा दिया तुमने, दे दिया ज्ञान संसार का।
अपने ज्ञान ग्रंथ सागर से।
माँ सिखा दिए संस्कार तुमने, बड़ो से व्यवहार का।
अपने प्रेममयी शब्दों से।
माँ कर दिया विदा तुमने, अपनी परछाई बना कर।
अपने हृदय को कठोर करके, अश्क तो तुम भी बहती हो।
पर दिखाती नही कभी,अपने हाव-भाव से।
माँ कर दिया अर्पण सब तुमने ,मुझे बनाने में।
कर सकूँ प्रदीप्तिमान मैं भी, किसी का आँगन।
तुम्हारे जलाए हुए दीप से।
तुम्हारे जलाए हुए दीप से।
तुम्हारे जलाए हुए दीप से ,माँ।

12 Likes · 61 Comments · 975 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जीवनसाथी  तुम ही  हो  मेरे, कोई  और -नहीं।
जीवनसाथी तुम ही हो मेरे, कोई और -नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*बताओं जरा (मुक्तक)*
*बताओं जरा (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
दामन भी
दामन भी
Dr fauzia Naseem shad
■अतीत का आईना■
■अतीत का आईना■
*प्रणय प्रभात*
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नाराज़गी जताई जा रही है,
नाराज़गी जताई जा रही है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रूह मर गई, मगर ख्वाब है जिंदा
रूह मर गई, मगर ख्वाब है जिंदा
कवि दीपक बवेजा
जाने वो कौन सी रोटी है
जाने वो कौन सी रोटी है
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
विश्वपर्यावरण दिवस पर -दोहे
विश्वपर्यावरण दिवस पर -दोहे
डॉक्टर रागिनी
मुझे मालूम हैं ये रिश्तों की लकीरें
मुझे मालूम हैं ये रिश्तों की लकीरें
VINOD CHAUHAN
महबूबा और फौजी।
महबूबा और फौजी।
Rj Anand Prajapati
*प्रकृति के हम हैं मित्र*
*प्रकृति के हम हैं मित्र*
Dushyant Kumar
" क़ैदी विचाराधीन हूँ "
Chunnu Lal Gupta
माँ की कहानी बेटी की ज़ुबानी
माँ की कहानी बेटी की ज़ुबानी
Rekha Drolia
संवेदना का कवि
संवेदना का कवि
Shweta Soni
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
संघर्ष का सफर
संघर्ष का सफर
Chitra Bisht
सिंदूर 🌹
सिंदूर 🌹
Ranjeet kumar patre
जाने क्यूं मुझ पर से
जाने क्यूं मुझ पर से
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
" सुन्दरी"
Dr. Kishan tandon kranti
इंसान अच्छा है या बुरा यह समाज के चार लोग नहीं बल्कि उसका सम
इंसान अच्छा है या बुरा यह समाज के चार लोग नहीं बल्कि उसका सम
Gouri tiwari
खुद को सही और
खुद को सही और
shabina. Naaz
असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है।
असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
पर्यावरण
पर्यावरण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हम यथार्थ सत्य को स्वीकार नहीं कर पाते हैं
हम यथार्थ सत्य को स्वीकार नहीं कर पाते हैं
Sonam Puneet Dubey
* धरा पर खिलखिलाती *
* धरा पर खिलखिलाती *
surenderpal vaidya
*श्री राधाकृष्णन को पुण्य प्रणाम है (गीत)*
*श्री राधाकृष्णन को पुण्य प्रणाम है (गीत)*
Ravi Prakash
*हिंदी दिवस मनावन का  मिला नेक ईनाम*
*हिंदी दिवस मनावन का मिला नेक ईनाम*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ऐ गंगा माँ तुम में खोने का मन करता है…
ऐ गंगा माँ तुम में खोने का मन करता है…
Anand Kumar
"आओ हम सब मिल कर गाएँ भारत माँ के गान"
Lohit Tamta
Loading...