*माँ स्वर्गसिधारी
****माँ स्वर्गसिधारी****
आँखों में मंजु के आँसू ,दिल में प्यास
माँ मेरी स्वर्गलोक में है, स्वर्ग में ही वास
कान में गूंजते हैं,माँ के मधुर बोल
शब्द सारे कर्णप्रिय थे,ना कोई मोल
शाम सवेरे अब करती हूँ अरदास
माँ स्वर्गलोक में है , स्वर्ग में ही वास
प्यार भरा था हर पल तेरे साथ
हर पल खुश थी ,मैं तेरे साथ
तेरी साये तले न थी मैं उदास
माँ स्वर्गलोक में है , स्वर्ग में ही वास
जोड़ने का था तुझ में हुनर का मंत्र
तेरे सानिध्य में धन्य था घर का तंत्र
प्रफुल्लित मैं आप जो करती थी यंत्र
माँ स्वर्गलोक मे हैं , स्वर्ग में ही वास
घर बसाने में तुम जैसा ना सानी
सारे गुण दिए हैं , मै ये बात जानी
मंजु तुझ बिन है उदास ये बात जानी
माँ स्वर्गलोक में है , स्वर्ग में हीवास
आँखों में मंजु के आँसू ,दिल में प्यास
माँ स्वर्गलोक में हैं , स्वर्ग में ही वास