माँ से ही सब कुछ
माँ से हर अहसास हमारा
आत्मीयता भी माँ से हमारी
इच्छा पूरी सब कर देती माँ हमारी
माँ मैं दिखती ईश्वर की मूरत
उम्मीद की किरण घने अंधेरे में
उजियारा इस जीवन में माँ से
और सब ओर दिखती मां
माँ से औचित्य हमारा
करुणा भरी सूरत माँ
ख्वाहिशे सब पूरी करती माँ
ग़म में जीना सिखाती साथ रहती सदा
घर तो क्या माँ बिना संसार सूना
चिन्तित रहती हर पल हमारे लिए
छांव है शीतलता भरी माँ
जननी है जन्नत इसके क़दमों में
झरना स्नेह का जो बहता निरन्तर
त्याग देती सब सुख हमारे लिए
थामे हर पल हाथ हमारा
दिव्य ज्योति सी घने अंधेरे में
धर्म कर्म को सिखलाती है माँ
नाम हमारा माँ से
प्यार का गहरा सागर माँ
फटकार लगाती जो कभी गलती हो जाती
भला बुरा हमारा वो है समझती
मन्नतें पूरी ही करती
यथार्थ में जीना सिखाती
रोम रोम में माँ बस जाती
लाड से पालती अपना सर्वस्व लुटाती
वसुधा सा विशाल हृदय लिए
सीख नई हर पल सिखाती माँ
हिम्मत भी माँ से ही आती
ज्ञान सर्व जगत का हमें कराती माँ