माँ सरस्वती प्रार्थना
हे वागेश्वरी हे वाक्येश्वरी
मैं मूर्ख तुम ज्ञानेश्वरी
दे कवित्व शक्ति, काव्य प्रतिभा
हे वीणापाणि हे धनेश्वरी
विद्या की देवी, वाणी की देवी
हे शारदा हे संध्येश्वरी
वागेश्वरी हे वाकेश्वरी……….
माँगू तुझसे भावों की सृष्टि
भावों से भर दे,शब्दों को घर दे
महाश्वेता तुम भावेश्वरी
हे हंसवाहिनी हे ज्ञानदायनी
पद्मासन हे पद्मेश्वरी
वागेश्वरी हे वाक्येश्वरी…………
जगतिख्याता , बुद्धि माता
प्राण तत्व सब , तुमसे ही पाता
सरस्वती माँ चंद्रकांतिदाशा
पाप हरणी अज्ञान नाशा
ब्रह्मचारिणी तू भुवनेश्वरी
वागेश्वरी हे वाक्येश्वरी………….
ध्यान धरूँ मैं, मान करूँ मैं
चित्त में तेरा , नाम जपूँ मैं
बुद्धि विमल कर , विवेक भर दे
शब्दों को सार दे,वाणी का वर दे
हे भारती माँ, त्रिसंध्येश्वरी
वाक्येश्वरी हे वाक्येश्वरी
मैं मूरख तुम ज्ञानेश्वरी
भवानी सिंह “भूधर”