माँ शारदे!
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माँ शारदे! दे ममत्व का दान मुझे।
वरद हस्त मेरे मस्तक पर देवि तू धर दे।
मेरे संबल,बुद्धि,बल का ज्ञान करा दे मुझे।
वर दे सहस्त्र शत बार मुझे।
कर दे अजेय हर बार मुझे।
मत तिमिर हरो।
नव ज्योति भरो।
मत हाथ पकड़।
पथ किधर कहो।
मत तुम मेरा इतिहास गढ़ो।
मेरे जीवन में साँस भरो।
मेरे हित तुम मत लड़ो देवि!
मुझमें लड़ने की शक्ति भरो।
अभिशप्त भले है यह जीवन
वरदान बना लूँगा मैं माँ।
वरद हस्त मेरे मस्तक पर देवि तू धर दे।
वर दे विद्या की देवी मुझे।
वर दे विवेक की देवी मुझे।
दे ज्ञान-पिपासु झोली मुझे।
और मानवीय दे बोली मुझे।
मेरे लघु जीवन को हे माँ,
मधुरिम कम्पन से झंकृत कर दे।
वरद हस्त मेरे मस्तक पर देवि तू धर दे।
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अरुण कुमार प्रसाद