*”माँ महागौरी”*
“माँ महागौरी”
माँ दुर्गा की आठवी शक्ति हे महागौरी तुम्हें बारम्बार नमन।
अष्टमी पूजा अर्चना सुहाग श्रृंगार ,
लाल चुनरिया तुम्हें ओढाते पंचोपचार पूजन
मनोवाँछित अमोध शक्ति फलदायिनी।
घोर तपस्या कर उज्ज्वल गौर वर्ण, शिव से वरदान पा महागौरी वरदायिनी।
चार भुजाओं वाली बाँये हस्त डमरू विराजे ,
दाएं हाथ त्रिशूल सोहे वृषारूढ़ा श्वेत वस्त्र धारिणी।
वर मुद्रा शांत सौम्य हास्य स्वरूपा
शंख चंद्र कमल पुष्प अष्ट सिद्धि दायिनी।
सत वृत्तियों को प्रेरित करती, असत वृत्ति का विनाश कारिणी।
भक्ति भाव से करे उपासना ,
शरणागत हैं माँ गौरी सुख वर दायिनी।
रोग शोक संताप नाश कर असुरों का संहार कर मनोवाँछित फल प्रदायिनी।
सुख सौभाग्य धन ऐश्वर्य अंखड सुहाग सुख शांति फलदायिनी।
दीन दुखियों दरबार खड़े हुए ,
आशा विश्वास से अंतर्ज्योति भव तारिणी।
सुर नर मुनि गंधर्व तेरे गुण गावे
भक्ति आराधना उपासना से सब संभव हो इच्छा शक्ति दायिनी।
अष्टमी पूजन हवन यज्ञ कर
हलुआ पूड़ी चने का भोग लगाते,
नवरूप कन्याओं को जिमाते
चरण स्पर्श कर भेंट दे वरदान पाते।
धूप दीप नैवेध पूजा अर्चना कर जीवन मे खुशहाली लाते।
मंद मंद मुस्काती हास्य छबि देख
भक्तों को हर्षोल्लास दे आनंद स्वरुपिणी कहलाती।
शशिकला व्यास शिल्पी✍️🙏🚩🌹