माँ बेटी का स्नेह प्रवाह
आओ बेटा कुछ देर बैठ कर सुस्ता ले,
भाग दौड भरी जिंदगी को कुछ पल बांध लें
आ हम दोनों बैठ कर एक दूसरे को निहार ले
इन फुरसत के पलों को प्यार में बांध लें
आ बेटा कुछ देर बैठ ले……
आ मेरी नजरो से सारा प्यार पा ले
आ आज जी भर दोनों देख ले
कुछ अपनी कहो कुछ मेरी सुन ले
इस पल को अपनेपन में बांध ले
आ बेटा कुछ देर बैठ ले……
कितने सालो साल बीत गए यूँ ही
जब हम इतने उन्मुक्त हो बैठ पाए
ये खुशी के पल हमारे पास आये
जी भर देख के जी ले आज हम पास आये
आ बेटा कुछ देर बैठ ले……
जिंदगी कानो में कुछ कह सा गई
बीते पल लौट कर आते नही ये बोल गई
जो कुछ करना है कर लो अभी कह गईं
न जाने कल आएगा के नही बता गई
आ बेटा कुछ देर बैठ ले……
अब जिंदगी की कुछ सुन तो ले
आ कुछ देर माँ के पास बैठ तो ले
क्यो उलझे हम जब हाथ मे कुछ भी नही
सालो साल बीत गए इन्ही उलझनों में
आ बेटा कुछ देर बैठ ले……
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद