माँ बिना जीवन नही
माँ रहती है जहाँ,
स्वर्ग बन जाता वहाँ,
माँ बिना जीवन नही,
ममता और प्यार नही,
माँ बिना नही संसार ,
माँ बिना नही है सार,
माँ ही शब्दों का अर्थ है,
माँ ही जीवन का रथ है,
माँ सबसे बड़ी ईश्वर है,
माँ ही हमारी गुरुवर है,
माँ ही शक्ति का रूप है,
माँ ही भक्ति का स्वरूप है,
माँ प्यार का सागर है,
माँ ममता का भंडार है,
माँ मेरी तकदीर है,
दिल मे बसी तस्वीर है,
माँ धरा की भगवान है,
खुशियों की अरमान है,
उनके चरणों मे नमन शीश,
हे माँ दे दे मुझको आशीष,
।।जे पी लववंशी
हरदा ,म.प्र.।।