माँ-बापू का मान रखना हमेशा
पाला तुमको नाज़ से,खुशियाँ दी भरपूर।
धोखा उस माँ-बाप से,करना ना हो दूर।।
दिल के टुकड़े चाँद-से,आँखों का अरमान।
बातें इनकी मान के,देना सब सम्मान।
जिनके ही आशीष से,हो जाओ मशहूर।
धोखा उस माँ-बाप से,करना ना हो दूर।।
भागें घर से रूठ के,कर लव मैरिज़ भूल।
बेटा-बेटी तोड़ दें,पल में सारे रूल।
गलती ऐसी ना करो,हो मन चकनाचूर।
धोखा उस माँ-बाप से,करना ना हो दूर।।
पहले क़ाबिल तुम बनो,फिर शादी की बात।
अपनी पसंद से करो,प्यारी हो सौग़ात।
माँ-बापू ये मान लें,होता फिर न कसूर।
धोखा उस माँ-बाप से,करना ना हो दूर।।
माँ-बापू करते सदा,बच्चों का ही ख़्याल।
बच्चों से उनकी खुशी,समझो इनका हाल।
दुख देकर माँ-बाप को,सुख ना हाथ हुजूर।
धोखा उस माँ-बाप से,करना ना हो दूर।।
पाला तुमको नाज़ से,खुशियाँ दी भरपूर।
धोखा उस माँ-बाप से,करना ना हो दूर।।
आर.एस.प्रीतम
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