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28 Feb 2020 · 1 min read

माँ नजर रखती हरपल

इंतिजार

कितनी मन्नते माँगती माता पिता,
जा जाकर हर मंदिर के द्वार में।
करते हैं औलाद कि प्रतिक्षा हरदम,
खुशीयाँ कब आ जाये इस झोली में।

ढ़ोल नगाड़े बजते उस घर पर,
प्यारी नन्ही गुड़ियाँ आने में।
देती बधाई सब चाहने वालों ने,
खुशियाँ बरसे जिस आँगन में।

जब रोती नन्ही बेटी तो,
हो जाती विचलित मन में।
वैद्य हकीम के पास जाकर,
अपभ्रंश दूर भगाती मन में।

माँ नजर रखती है हरपल,
फिर भी नटखट करती है।
पापा की प्यारी लाडली ,
दिल में हमेशा बसती है।

3 Likes · 1 Comment · 440 Views
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