माँ दुर्गा अष्टमी
कैसे सजे हैं और क्यों सजे हैं, सब मदिंर के द्वारे,
पूनम का चाँद नहीं है ये, ना अर्ध चद्रं और संगी तारे ,
सारे मदिंर पुलकित ज्यादा , नभ की छवि भी पीली,
दुर्गा मां के हैं नवरात्रे, महागौरी की अष्टम बनी रंगोली,
क्या बच्चे और युवा नारी या अलग बनी पुरषों की लारी,
सबके मन में श्रद्धा इतनी, खाली हाथों भी दर्शन को उमड़ी,
माता खोल खड़ी भण्डारे चाहत लूटन की में सारे, बढ़-चढ़ बोल रहे जयकारे,
उपवासी भेंट और दीप चढ़ा के करते सिद्धि दाती पूजन,
भक्तों के व्रत का अर्पण, देवी रूप में हर कन्या का पजून,
संग में राम जन्मदिन पावन ll