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1 Nov 2018 · 1 min read

माँ तो बस माँ होती है

माँ तो बस माँ होती है ,
सारा घर जब सो जाता है
मीठे सपनों में खो जाता है
देख सभी को खुश होती है
हो निश्चिन्त तब ही सोती है
माँ तो बस माँ ही होती है ।

उठती सुबह सबसे पहले
बिन आहट कोई सुन न ले
कारज अपने निश्चित करके
अरज ईश्वर से वो करती है
जिसे ज़रूरत जो होती है ।
माँ तो बस माँ होती है ।

माँ कौशल्या सुमित्रा रूप में
राम लखन से भाई देती है
सीता और शकुंतला सम वह
लव कुश भरत से कुल देती है
माँ देवकी सी रक्षक जग में
यशोदा ममता मूरत होती है ।
माँ तो बस माँ होती है ।।

डॉ रीता सिंह
आया नगर , नई दिल्ली – ४७

8 Likes · 30 Comments · 1021 Views
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