Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Nov 2018 · 1 min read

‘माँ’ तू चली गई !

कुछ डूबी-सी,उतराई-सी

सुख-दुख में ‘माँ’ अंगड़ाई-सी।

मैं ‘चातक’ पंक्षी-सा प्यासा

‘माँ’ वर्षा है मंडराई-सी।

तब भूख लगी अब रोता हूँ

जागा-जागा तन,सोता हूँ।

वर्तमान में जीवित हूँ

पर भूत के सपने बोता हूँ।

स्मरण मुझे है तू प्रतिपल

माथा मेरा सहलाती थी।

सो जा प्यारे ! ओ लाल मेरे !

मिसरी-सा गीत सुनाती थी।

जरा अवस्था लील गई

हौले से मेरी बगिया से।

एकांत अकेला छोड़ गई

रहना खुश पगले दुनिया में।

अब मूक बनी हँसते-हँसते

उस चार टाँग की शैय्या पर।

मैं रोते-रोते ढोता हूँ

तू कहती, मैं इठलाई-सी।

नाम – ध्रुव सिंह ‘एकलव्य’

वाराणसी, उत्तर प्रदेश ( भारत )

25 Likes · 124 Comments · 1053 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
Anil Kumar
कितने चेहरे मुझे उदास दिखे
कितने चेहरे मुझे उदास दिखे
Shweta Soni
जीवन यात्रा
जीवन यात्रा
विजय कुमार अग्रवाल
गरीबों की जिंदगी
गरीबों की जिंदगी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बांध लो बेशक बेड़ियाँ कई,
बांध लो बेशक बेड़ियाँ कई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घनघोर अंधेरी रातों में
घनघोर अंधेरी रातों में
करन ''केसरा''
"व्यवहारों की जगह व्यापारों ने ले ली है ll
पूर्वार्थ
ये मौन है तेरा या दस्तक है तुफान से पहले का
ये मौन है तेरा या दस्तक है तुफान से पहले का
©️ दामिनी नारायण सिंह
कहें किसे क्या आजकल, सब मर्जी के मीत ।
कहें किसे क्या आजकल, सब मर्जी के मीत ।
sushil sarna
2717.*पूर्णिका*
2717.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्यार का गीत
प्यार का गीत
Neelam Sharma
* प्रेम पथ पर *
* प्रेम पथ पर *
surenderpal vaidya
Oh life ,do you take account!
Oh life ,do you take account!
Bidyadhar Mantry
जहां शिक्षा है वहां विवेक है, ज्ञान है।
जहां शिक्षा है वहां विवेक है, ज्ञान है।
Ravikesh Jha
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
gurudeenverma198
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
Anil Mishra Prahari
रंग ही रंगमंच के किरदार होते हैं।
रंग ही रंगमंच के किरदार होते हैं।
Neeraj Agarwal
मस्ती का त्योहार है होली
मस्ती का त्योहार है होली
कवि रमेशराज
Dr. Arun Kumar Shastri
Dr. Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
इस कदर भीगा हुआ हूँ
इस कदर भीगा हुआ हूँ
Dr. Rajeev Jain
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
Lokesh Sharma
उसकी गलियों में कदम जब भी पड़े थे मेरे।
उसकी गलियों में कदम जब भी पड़े थे मेरे।
Phool gufran
मेरी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा इनाम हो तुम l
मेरी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा इनाम हो तुम l
Ranjeet kumar patre
उनकी उल्फत देख ली।
उनकी उल्फत देख ली।
सत्य कुमार प्रेमी
आवाज मन की
आवाज मन की
Pratibha Pandey
नया साल
नया साल
umesh mehra
Me and My Yoga Mat!
Me and My Yoga Mat!
R. H. SRIDEVI
"वरना"
Dr. Kishan tandon kranti
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
Sanjay ' शून्य'
Loading...