Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Nov 2018 · 1 min read

माँ तुम्हारी उपस्थिति

माँ! तेरी अनुपस्थिति में
ना जाने मुझे क्या हो जाता है?
लाख कोशिश के बाद भी
रोटियाँ गोल नहीं बनती ।
गैस पर रखी दूध उबल कर
ना जाने कहाँ-कहाँ बह जाती है
सब्जियां जल कर राख हो जाती है ।

और तुम्हारे उपस्थिति के अहसास मात्र से
पहली प्रयास में रोटी गोल तो क्या
गुब्बारे की तरह फुल कर तवे से बाहर निकलती है
दूध उबल कर बहती नहीं
गैस पर पतीले में रखे-रखे रबड़ी बन जाती है
सब्जियां जल कर राख नहीं होती,
सब्जियां खाने वाले मुझसे जल कर राख हो जाते है ।

और तब समझ में आता है माँ,
तुम्हारी उपस्थिति हमारे लिए
क्या मायने रखती है ।
इसलिए विनती है माँ,
तुम अपने होने की उपस्थिति
हमारे मन के हर कोने में हमेशा बनाए रखना ।

भावना कुमारी
समस्तीपुर,बिहार

18 Likes · 67 Comments · 1105 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विकट जंग के मुहाने पर आज बैठी है ये दुनिया
विकट जंग के मुहाने पर आज बैठी है ये दुनिया
इंजी. संजय श्रीवास्तव
तस्वीर
तस्वीर
Dr. Mahesh Kumawat
3119.*पूर्णिका*
3119.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हे भारत की नारी जागो
हे भारत की नारी जागो
Dheerendra Panchal
' रहब हम मिथिलादेश में '
' रहब हम मिथिलादेश में '
मनोज कर्ण
नहीं खुशियां नहीं गम यार होता।
नहीं खुशियां नहीं गम यार होता।
सत्य कुमार प्रेमी
सत्संग संध्या इवेंट
सत्संग संध्या इवेंट
पूर्वार्थ
22)”शुभ नवरात्रि”
22)”शुभ नवरात्रि”
Sapna Arora
My Precious Gems
My Precious Gems
Natasha Stephen
*सर्दी की धूप*
*सर्दी की धूप*
Dr. Priya Gupta
वफ़ा
वफ़ा
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय*
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Vandna Thakur
औरत की दिलकश सी अदा होती है,
औरत की दिलकश सी अदा होती है,
Ajit Kumar "Karn"
हर मौहब्बत का एहसास तुझसे है।
हर मौहब्बत का एहसास तुझसे है।
Phool gufran
भारतीय ग्रंथों में लिखा है- “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुर
भारतीय ग्रंथों में लिखा है- “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुर
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
डिजिटल भारत
डिजिटल भारत
Satish Srijan
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
Taj Mohammad
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
#हमें मजबूर किया
#हमें मजबूर किया
Radheshyam Khatik
जब रात बहुत होती है, तन्हाई में हम रोते हैं ,
जब रात बहुत होती है, तन्हाई में हम रोते हैं ,
Neelofar Khan
क्या यही हैं वो रिश्तें ?
क्या यही हैं वो रिश्तें ?
gurudeenverma198
*
*"मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम"*
Shashi kala vyas
गांव में जब हम पुराने घर गये,
गांव में जब हम पुराने घर गये,
पंकज परिंदा
शीश झुकाएं
शीश झुकाएं
surenderpal vaidya
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
Shyam Sundar Subramanian
छू कर तेरे दिल को, ये एहसास हुआ है,
छू कर तेरे दिल को, ये एहसास हुआ है,
Rituraj shivem verma
*सौ वर्षों तक जीना अपना, अच्छा तब कहलाएगा (हिंदी गजल)*
*सौ वर्षों तक जीना अपना, अच्छा तब कहलाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
"वो दिन"
Dr. Kishan tandon kranti
*SPLIT VISION*
*SPLIT VISION*
Poonam Matia
Loading...