माँ ! तुझे सलाम
तेरी बाहों में जन्नत
तेरी दुआ में मन्नत
माँ ! तुझे सलाम।
तेरी अलकों में सपने
तेरी पलकों में अपने
माँ ! तुझे सलाम।
तेरी अश्क़ों में खुशियाँ
तेरे बस में है दुनियाँ
माँ ! तुझे सलाम।
तू ममता की साग़र
तू रमता है डागर
माँ ! तुझे सलाम।
तूने दिया जन्म मुझे
तूने किया मग्न मुझे
माँ ! तुझे सलाम।
तुम ईश्वर की मूरत
तुम ख़ुशियों की सूरत
माँ ! तुझे सलाम।
तुम क्यों इतनी अच्छी
तूम क्यों इतनी सच्ची
माँ ! तुझे सलाम।
तेरे कर्मों में हम हैं
तेरे धर्मों में हम हैं
माँ ! तुझे सलाम।
तुम पर है नूर का साया
हम तो हैं तुम्हारी छाया
माँ ! तुझे सलाम।
सब न्यारें हैं हमपर तुमने
सब बारें हैं हँसकर तुमने
माँ ! तुझे सलाम।
चलना तुमने सिखाया
हँसना तुमने सिखाया
जीना तुमने ही सिखाया
माँ ! तुझे सलाम।
देखकर तुम्हें खिल उठती हूँ
सोचकर हँस पड़ती हूँ
दूर होकर रो पड़ती हूँ
माँ ! तुझे सलाम।
तेरे सपनों में हम हैं
तेरे अपनों में हम हैं
माँ ! तुझे सलाम।
तेरे होने से सब कुछ
तेरे हँसने से हम ख़ुश
माँ ! तुझे सलाम।
तेरी बातों में प्यार
क़दमों में संसार
माँ ! तुझे सलाम।
तू रूठे, जग रूठा
तेरे सिवा सब कुछ झूठा
माँ ! तुझे सलाम।
तू बोले, जग डोले
तेरी मुस्कान है मेरी जान
माँ ! तुझे सलाम।
तुम ऐसी थी
ऐसी हो
ऐसी ही रहना।
सोनी सिंह
बोकारो (झारखंड)