माँ के श्राद्ध पर
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार अश्विन माह के कृष्ण पक्ष से अमावश्या तक अपने पितरों के श्राद्ध की परंपरा हैं।श्राद्ध कर्म के रूप में हम अपनी श्रद्धांजलि अपने पितरों को अर्पित करते है।आज नवमी तिथि हैं इसको मातृ नवमी श्राद्ध भी कहा जाता हैं।आज ही मेरी माँ की भी श्राद्ध तिथि हैं। माँ मैं आज आपका श्राद्ध कर रही हूँ ।आप आज जिस रूप में भी हैं मेरी श्रद्धा ग्रहण करना।आज मै इस मिथ को भी तोड़ रही हूँ कि बेटियां श्राद्ध का हक नही रखती। माँ आपको आपकी बेटी का शत शत नमन ।अपना आशीर्वाद हमेशा बनाये रखना।आपकी बेटी” पिंकी”