माँ के बिना जिंदगी
जिंदगी ताश के पत्तों सी बिखर गई होती
अगर मेरे जिंदगी में माँ नहीं होती
कहने को ये सारा जहाँ अपना हैं
पर कुछ नहीं है जब माँ नहीं होती
जिंदगी ताश के …………………….
जिंदगी ऐसे तैसे सबकी कट जाती है
पर माँ के बिना कई हिस्सों में बंट जाती
है
पढ़ा इतिहास में माँ के बिना कोई कुछ नहीं होते
अगर यशोदा न होती तो शायद कृष्ण नही होते
मैं खुद नहीं होता गर माँ नहीं होती
जिंदगी ताश के……………………
संदीप राज़ आनन्द
प्रयागराज(इलाहाबाद)
उत्तरप्रदेश