माँ की लाडो
मेरी परछाई है तू ,
मां कहती है ऐसा ।
घर की खुशियाँ है तू ,
पापा कहते है ऐसा ।
एक सबसे अच्छी दोस्त है तू ,
भाई कहता है ऐसा ।
मुनिया, मेरी आंख का तारा है तू ,
दादी कहती है ऐसा ।
बिल्कुल मां हो तुम दीदी ,
छोटी कहती है ऐसा ।
परिवार की आन बान तुझसे ही तो है , सब कहते है ऐसा ।
तुझे किसी की नजर ना लगे बिटिया , ऐसा कहकर दादी हर रोज़ माथा चूम कर एक काला टीका लगा देती है ।।