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3 Jun 2018 · 1 min read

माँ कहती

माँ कहती
************************
माँ कहती प्रयास करो तुम, सीढ़ी हम बन जायेंगे।
बिटिया मेरी चाँद से ऊपर , तुझको हम ले जायेंगे।

जीवन में वो हर एक सपना,
खुली आँख से देखो तुम।
इस जीवन जो कुछ चाहो,
दृढनिश्चय से ले लो तुम।

मन भीतर विश्वास ये भर लो तनिक नहीं घबरायेंगे
माँ कहती प्रयास करो तुम ,सीढ़ी हम बन जायेंगे।

चाँद धरा पर लाने की,
जो इच्छा तुने पाली है।
दृढता संकल्प झलकता
नही कोई मनमानी है।

मन भीतर संकल्प जो पल्लवित मूर्त रूप दे जायेगे,
माँ कहती प्रयास करो तुम सीढ़ी हम बनजायेंगे।

इस जग ने सदा बेटी को,
निर्बल अबला माना है।
हृदय में संकल्प भरो तुम,
अब सबला बन जाना है।

दृढता का जो किया वरण , धरा पे अंबर लायेंगे,
माँ कहती प्रयास करो तुम , सीढ़ी हम बन जायेंगे।

कुछ नहीं असंभव जग में,
जो तुमने हैं ठान लिया।
पर्वत को राई कर जाओ,
खुद को जो पहचान लिया।

खुदको करो प्रखर बाकी,हर पथ आसान बनायेंगे,
माँ कहती प्रयास करो तुम , सीढ़ी हम बन जायेंगे।
**********
✍ ✍पं .संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण
बिहार

Language: Hindi
382 Views
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