माँ अब बूढ़ी होने लगी है
माँ अब बूढ़ी होने लगी है
जज़्बातों की आंधी कुछ जयादा बहाने लगी है
लगता है माँ अब बूढ़ी होने लगी है
सहने से जयादा अब कहने लगी है
लगता है माँ अब बूढ़ी होने लगी है
जो थी आदत बचपन मे मुझको
वही उनको होने लगी है
लगता है माँ अब बूढ़ी होने लगी है
एक ही बात को कई कई बार
दोहराने लगी है
लगता है माँ अब बूढ़ी होने लगी है
बच्चों सी जिद अब करने लगी है
अपनी ही बात सच कहने लगी है
लगता है माँ अब बूढ़ी होने लगी है
जो सोचती थी सदा हमारे लिए ही
अब कुछ अपने मन की भी करने लगी है
लगता है माँ अब बूढ़ी होने लगी है
चेहरे की शिकन झलक है उनके तजुर्बों की
उन पर भी कुछ कुछ उम्र की छाप
दिखने लगी है
लगता है माँ अब बूढ़ी होने लगी है
रूठ जातीं हैं कभी छोटी छोटी बातों पर
कभी बच्चों सी मचलने लगी है
लगता है माँ अब बूढ़ी होने लगी है
चलती थी कभी मैं जिनकी ऊँगली पकड़कर
उनको मेरे सहारे की जरुरत होने लगी है
लगता है माँ अब बूढ़ी होने लगी है।