Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2018 · 1 min read

माँग भरने की सजा

उनकी माँग भरने की सजा
सारी उमर मै काटता रहा
मांगें पूरी करते करते उनकी
अपनी इच्छाओ को मारता रहा

माँग उनकी एक नहीं अनेक है
गिनना मेरे लिए मुश्किल रहा
उनको अब मै कैसे पूरी करू ?
रात भर मै ये सोचता रहा

इस पाप का पश्च्याताप कैसे करू
ये लोगो से मै पूछता रहा
मिला न उनसे कोई उपाय
दम मेरा मांगो से घुटता रहा

पूछा उपाय पंडितो से भी
उनसे भी न कोई उपाय मिला
होता उपाय उनके पास इसका
पहले अजमाते अपने पर भला

सुबह से शाम हो जाती है
माँग पूरी करते करते मुझे
कैसे उनकी माँगे पूरी करू
उपाय न सूझता कोई मुझे

आर के रस्तोगी

Language: Hindi
469 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all

You may also like these posts

विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
पटकथा
पटकथा
Mahender Singh
करे ज़ुदा बातें हरपल जो, मानव वो दीवाना है।
करे ज़ुदा बातें हरपल जो, मानव वो दीवाना है।
आर.एस. 'प्रीतम'
विजेता सूची- “सत्य की खोज” – काव्य प्रतियोगिता
विजेता सूची- “सत्य की खोज” – काव्य प्रतियोगिता
Sahityapedia
नौकरी
नौकरी
पूर्वार्थ
Memories
Memories
Sampada
लोग अब हमसे ख़फा रहते हैं
लोग अब हमसे ख़फा रहते हैं
Shweta Soni
*समझो बैंक का खाता (मुक्तक)*
*समझो बैंक का खाता (मुक्तक)*
Ravi Prakash
तोड़ दो सारी हदें तुम हुस्न से दीदार की ।
तोड़ दो सारी हदें तुम हुस्न से दीदार की ।
Phool gufran
24/229. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/229. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तूझे भी अब मेरी लत जो लग गई है,
तूझे भी अब मेरी लत जो लग गई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पति का ब्यथा
पति का ब्यथा
Dr. Man Mohan Krishna
सुलेख
सुलेख
Rambali Mishra
माँ नहीं है देह नश्वर
माँ नहीं है देह नश्वर
indu parashar
उन्हें बताएं क्या
उन्हें बताएं क्या
Jyoti Roshni
Falling Out Of Love
Falling Out Of Love
Vedha Singh
Tu chahe to mai muskurau
Tu chahe to mai muskurau
HEBA
नवजीवन
नवजीवन
Deepesh Dwivedi
अपनी सोच का शब्द मत दो
अपनी सोच का शब्द मत दो
Mamta Singh Devaa
ग़ज़ल (ज़िंदगी)
ग़ज़ल (ज़िंदगी)
डॉक्टर रागिनी
sp106 दीपावली -दीप + आवली
sp106 दीपावली -दीप + आवली
Manoj Shrivastava
क्य़ूँ अपना सर खपाऊँ मैं?
क्य़ूँ अपना सर खपाऊँ मैं?
Kirtika Namdev
हां मैं ईश्वर हूँ ( मातृ दिवस )
हां मैं ईश्वर हूँ ( मातृ दिवस )
Raju Gajbhiye
"हर कोई अपने होते नही"
Yogendra Chaturwedi
"ऐ जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सब कहते हैं।
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सब कहते हैं।
राज वीर शर्मा
मन का मैल नहीं धुले
मन का मैल नहीं धुले
Paras Nath Jha
अंजुली भर नेह
अंजुली भर नेह
Seema gupta,Alwar
🙅आम सूचना🙅
🙅आम सूचना🙅
*प्रणय*
Loading...