महिषासुर मर्दिनी
माँ महिषासुर मर्दिनी, शुभ कात्यायनि नाम।
सिर नत है पद पद्म में,रसना में तव नाम।।
ऋषि कात्यायन की सुता,रक्षाहित अवतार।
गर्जन से दानव डरें,भक्त करें जयकार।।
जगदम्बा करतीं कृपा, होते पूरण काम।
जय महिषासुर मर्दिनी, बारम्बार प्रणाम।।
देवी दानवघातिनी, करतीं हैं उद्धार।
दुष्ट दानवी वृत्ति पर,कीजिए शीघ्र प्रहार।।
ब्रजमण्डल की पूजिता, करें हृदय में वास।
आशा का दीपक ज्वलित, माता पर विस्वास।।
चन्द्रोज्ज्वल मृदु हास है,स्वर्णिम रूप अनूप।
मानस मन्दिर में बसे,पावन दिव्य स्वरूप।।
डा.मीना कौशल
प्रियदर्शिनी