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8 Mar 2021 · 1 min read

महिलाएँ

******** महिलाएँ *******
***********************

जब यदि सीखना हो सत्कार,
याद आती हैं महिलाएँ।

शिक्षित करना हो गर समाज,
शिक्षित करनी होगी महिलाएँ।

कैसे सीखोगे भला शिष्टाचार,
अनुकरणीय होती हैं महिलाएँ।

कैसा होगा आचार व्यवहार,
यह सबको बताएंगी महिलाएँ।

कौसे भरने हैं खाली खजानें,
धन संचय कराएंगी महिलाएँ।

मर्दों पर कैसे रखना नियंत्रण,
वो तरीके सुझाएंगी महिलाएँ।

आँचल कैसे रखें पाक साफ़,
आईना दिखाएंगी महिलाएँ।

उठाना होगा कैसे सब भार,
उठाना सिखाएंगी महिलाएँ।

कैसे करना होगा हार शृंगार,
अभ्यास करवाएंगी महिलाएँ।

दुख में कैसे होगा मुस्कराना,
मुस्कराना सिखाती महिलाएँ।

कैसे रहना चाहिए हमे सभ्य,
सभ्यता सिखाएंगी महिलाएँ।

कैसी होगी हमारी संस्कृति,
संस्कार उपजाएंगी महिलाएँ।

मनाना हो जब महिला दिवस,
ढूँढ कर लानी होगी महिलाएँ।

मनसीरत रोकनी है भूर्ण हत्या,
भविष्य में तब होंगी महिलाएँ।
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
515 Views
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