महाशिवरात्रि
सरसी छंद
शिव-शिवा का ब्याह दिवस है
महाशिवरात्रि नाम ।
वेद पुराण सभी गुण गाते
नाचें देव तमाम ।।
फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी
दूल्हा बन भगवान।
बनी बारात भूत प्रेत की
प्रेतनि करती गान।।
नंदी गण बन गये सवारी
सुमिरन कर श्री राम ।
पहुँच गये हिमगिरि के द्वारे
आदिशक्ति के धाम।
रूप देख भयभीत हुए है
मडंप में नर नार।
नारद मुनी आन समझाया
शिव के रूप हजार ।।
धारण किया रूप शिव सुंदर
लगते राजकुमार ।
हंसी खुशी विवाह हुआ था
खूब हुई जिवनार।।
ब्याह खुशी में रात जागरण
करते हैं सब लोग ।
शिव- शिवा का विवाह रचाते
यज्ञ भाव मन योग ।।
राजेश कौरव सुमित्र