महामारी 2020
बचपन से सुनते आए हैं, किस्से चीन की गद्दारी के।
पूरा विश्व हिला डाला है, छोड़ के कीड़े महामारी के।।
चीन ने ऐसा जाल बिछाया , देश ना निकला कोई भी बच के।
हरेक देश में मची तबाही, जनता रो रही बिलख बिलख के।।
कितने मौत की नींद सो गये,कितने बेघरबार हो गये।
कितनों के माँ बाप बिछड़ गये, और कितनों के लाल खो गये।।
सारा विश्व खड़ा भौंचक्का, ज्ञानी सब अज्ञानी हो गये।
तोड़ किसी को नहीं मिल रहा, सोच सोच सब पागल हो गये।।
जंग अभी जारी है देखो, सभी वैक्सीन खोज रहे है।
यह तबाही हुई तेरे कारण , सब मिल चीन को बोल रहे हैं।
विजय बिजनौरी