महादेव –
महादेव –
सत्य भी तू सुंदर भी तू ही
तू ही शांत , प्रलयकारी भी तू ही बने
त्रिनेत्र त्रिशूल धरता शूल सबका हरे
बन विकराल दिखा तांडव पीढ़ा सबकी हरे !
भोला है शिवनाथ सवारी नंदी की करे
तज के ये संसार मोह अंग भभूति रमे
गंग को बांधा जटा में सर्प से श्रृंगार करे
है निराकार प्रभु तू ओंकार भी तू ही बने !
देवों का महादेव है भूतों का ईश भी रहे
भक्तों के संताप हर पी के विष सभी
भोले तू ही नील कंठेश्वर बने
शाश्वत स्वामी भी है जग का
पूर्ण अमंगल हरता भी बने !
सरल है भक्ति शिव की
तीन बेल पत्र से
शिव सदा संतुष्ट रहे
कैलाशवासी भोले भंडारी बने !
जब भी बढ़ा पाप जग में
शंकर संताप हारी बने
नमो नमः ॐ मंत्र जाप से ही
महादेव कष्ट हारक बने !!
दीपाली कालरा