*”महाकाली”*
“महाकाली”
रौद्र रूप धारण माँ दुर्गा गौरी महाकाली ।
हे माँ अंबे दुख हरने वाली महाकाली।
शक्ति का संचार करती ,असुरों का संहार करती महाकाली।
कालों का काल भी हरती ,माँ का रौद्र विकराल रूप है महाकाली।
मुण्ड माला पहन के आई ,क्रोध से भरी ज्वाला देवी बनी महाकाली।
पापों का अंत विनाश करती, हाथों में खप्पर भयंकर रूप में महाकाली ।
माँ दुर्गा का सप्तम स्वरूप ,माँ जगदम्बा मात भवानी महाकाली।
हे जगतारिणी माता का रूप ,भक्ति आराधना करूँ माँ महाकाली।
माँ दुर्गा काली रूप धारण ,रक्तबीज सँहारती महाकाली।
भक्ति आराधना करते ,आ जाओ महाकाली।
दुष्ट पापियों का दमन कर ,संकट से मुक्ति दिलाओ महाकाली।
सर्वरूमयी देवी सर्व देवीम्यं जगत
अतो$म विश्वरूपा ताम नमामि परमेश्वरीम
देवी का स्वरूप सर्वरूप युक्त है तथा यह सम्पूर्ण विश्व देवी से युक्त है अतः मैं उन विश्व रूपा परमेश्वरी को प्रणाम करती हूँ।
शशिकला व्यास✍️