Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2022 · 1 min read

महाकवि

हिमालय जेहन अटल
पौरूष प्रबल पराक्रमी वीर कर्णक वसुधारा
नेत्र छन्हि अध्यभीजल
ठमकि पड़ल भाषा संस्कार संस्कृति
परिपन्थी विराजित अंग पुत्र
बिकाएत मोल अनमोल
झहरैत विरासत देखनार कतह
ऋध्दि सिद्धि छोड़िकए जाइए
गंगा माय तमसायल
चरण छुअब
मुदा आशीष कतह भेटल
डंक सपोर छन्हि ठारह,पाज करैत
हरे राम हरे राम बस बाजैत
अरि जेना हमहि
अन्नचिन्हार बस हुनका
तनिको अधिकार नै हमरा
प्राचीन इतिहास मे
संस्कृति संस्कार मे
कण कण मे
अपनुहुँ छी मैथिल
मुदा एहि बातकें,जानब नै मानब
तँ कहू दोसर बापक जनमल के
के थिक कुंठा
अल्प आयु बाँचल मिटै बोली
पसरैत छैय आन संस्कृति संस्कार
गजानन बनिकए विराजमान छी अहाँ
ललका धागा बान्हैत छी अज्ञानीकै
रंग मे रंग कऽ बस डोलैत
महाकवि भवप्रितानन्द आ गजेन्द्र हेम के
दिनकर फणीश्वरनाथ आ राधाकृष्ण के
इयाद बिसार देलहुँ
महाकवि अपने
आब इतिहास जला दू
मुदा संस्मरण कऽ लिअऽ बाबा बैद्यनाथ के
आशीष कोना भैटत
जय महाकवि जय हो अपनेक माया

मौलिक एवं स्वरचित
@श्रीहर्ष आचार्य

Language: Maithili
1 Like · 2 Comments · 383 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
करवा चौथ@)
करवा चौथ@)
Vindhya Prakash Mishra
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
Arun B Jain
प्यार का इम्तेहान
प्यार का इम्तेहान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अच्छाई बनाम बुराई :- [ अच्छाई का फल ]
अच्छाई बनाम बुराई :- [ अच्छाई का फल ]
Surya Barman
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
हिमांशु Kulshrestha
First impression is personality,
First impression is personality,
Mahender Singh
💐प्रेम कौतुक-511💐
💐प्रेम कौतुक-511💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
Hanuman Ramawat
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आओ प्रिय बैठो पास...
आओ प्रिय बैठो पास...
डॉ.सीमा अग्रवाल
#लघु कविता
#लघु कविता
*Author प्रणय प्रभात*
फ़ितरत-ए-साँप
फ़ितरत-ए-साँप
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सम्भाला था
सम्भाला था
भरत कुमार सोलंकी
वर्ष तिरासी से अब तक जो बीते चार दशक
वर्ष तिरासी से अब तक जो बीते चार दशक
Ravi Prakash
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
Rajesh vyas
3197.*पूर्णिका*
3197.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण
Raju Gajbhiye
সিগারেট নেশা ছিল না
সিগারেট নেশা ছিল না
Sakhawat Jisan
"साहस का पैमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
मेहनत कड़ी थकान न लाती, लाती है सन्तोष
मेहनत कड़ी थकान न लाती, लाती है सन्तोष
महेश चन्द्र त्रिपाठी
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
दुष्यन्त 'बाबा'
हम केतबो ठुमकि -ठुमकि नाचि लिय
हम केतबो ठुमकि -ठुमकि नाचि लिय
DrLakshman Jha Parimal
इस जमाने जंग को,
इस जमाने जंग को,
Dr. Man Mohan Krishna
होली
होली
Neelam Sharma
दोहे -लालची
दोहे -लालची
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शृंगार छंद और विधाएँ
शृंगार छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
!! होली के दिन !!
!! होली के दिन !!
Chunnu Lal Gupta
प्रेम पल्लवन
प्रेम पल्लवन
Er.Navaneet R Shandily
मेरी हर आरजू में,तेरी ही ज़ुस्तज़ु है
मेरी हर आरजू में,तेरी ही ज़ुस्तज़ु है
Pramila sultan
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
शेखर सिंह
Loading...