Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr. Kishan tandon kranti
291 Followers
Follow
Report this post
17 Jun 2024 · 1 min read
“महत्ता”
“महत्ता”
जो संघर्ष से
कभी परिचित नहीं होता,
इतिहास गवाह है
वो कभी चर्चित नहीं होता.
Tag:
Quote Writer
Like
Share
2 Likes
·
2 Comments
· 96 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
पूनम का चाँद (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तस्वीर बदल रही है (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
नवा रद्दा (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तइहा ल बइहा लेगे (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
परछाई के रंग (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सबक (लघुकथा-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सौदा (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
जमीं के सितारे (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
बेहतर दुनिया के लिए (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
मेला (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
You may also like these posts
बकरा जे कटवइबऽ तू
आकाश महेशपुरी
नमन तुमको है वीणापाणि
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
किसी की बेवफाई ने
डॉ. एकान्त नेगी
*संस्मरण*
Ravi Prakash
पति-पत्नी के बीच में,
sushil sarna
डर नाहि लागो तोरा बाप से
श्रीहर्ष आचार्य
गीत
Shiva Awasthi
पहली बार का मिलन
SURYA PRAKASH SHARMA
ये बादल क्युं भटक रहे हैं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ज़िन्दगी अपनी
Dr fauzia Naseem shad
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
Dr.Khedu Bharti
राम जन्मभूमि का नया इतिहास
Sudhir srivastava
अश'आर हैं तेरे।
Neelam Sharma
तेरी याद में हम रात भर रोते रहे
Jyoti Roshni
पहचान ही क्या
Swami Ganganiya
#संस्मरण
*प्रणय*
स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है।
Manisha Manjari
जाति और धर्म के मुद्दे इतने अधिक बलशाली हैं कि
Sonam Puneet Dubey
मन की ताकत
पूर्वार्थ
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
VINOD CHAUHAN
सीख गुलाब के फूल की
Mangilal 713
साथ बैठो कुछ पल को
Chitra Bisht
प्यार इस कदर है तुमसे बतायें कैसें।
Yogendra Chaturwedi
कल का सूरज
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
*प्रकृति-प्रेम*
Dr. Priya Gupta
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
Rj Anand Prajapati
हर शक्स की एक कहानी है ।
PRATIK JANGID
कुछ पल साथ में आओ हम तुम बिता लें
Pramila sultan
संवेग बने मरणासन्न
प्रेमदास वसु सुरेखा
सहधर्मिणी
Deepesh Dwivedi
Loading...