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25 Dec 2020 · 1 min read

महकती बहारें

घूमती रहेगी धरती
आती जाती रहेंगी ऋतुऐ
समय के चक्र मे
बदलते रहेंगे नजारे ।

बहती रहेगी नदिया
पनपते रहेंगे खेत खलिहान
बदल जायेंगे इक दिन
बरसो पुराने किनारे ।

चलती रहेगी दुनिया
चमकते रहेंगे चांद सितारे
लौटेंगे नही इक दिन
हम किसी के पुकारे ।

आती रहेगी खुशबु
चमन के फूलों से
गुजर जायेंगे लाखो पतझड़
महकती रहेंगी बहारें ।।

राज विग 25 12.2020

Language: Hindi
4 Likes · 11 Comments · 332 Views
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