Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

मसान।

तेरी श्वासों संग जुड़ी थी मृदुता मेरी,
पर अब ये हृदय पाषाण हो चला।
दो बूँद को आकुल आँखें हुई है मेरी,
यूँ अश्रु ने बंजरता के मर्म को छुआ।
चीखों पर मौन की छाया गहराए अब मेरी,
सन्नाटों ने यूँ निरर्थक शब्दों को कहा।
श्वेत चादर में लिपट रही आशाएं अब मेरी,
जिसे भष्म करने को ये अग्नि व्याकुल सा हुआ।
बोझिल हर पग में तीव्रता सी है मेरी,
ये वियोग आया है कैसा, तू ही बता।
संवेदनों में शून्यता की गूँज है मेरी,
और कोलाहल करती बह रही ये हवा।
पीड़ा पर क्रोध का आवरण है मेरी,
यूँ मन को स्वयं के, स्वयं ही ठगा।
पथ निष्ठुर वास्तविक्ता की समक्ष है मेरी,
अपनाऊं कैसे इस तथ्य को, तू ही समझा।
मन-मस्तिष्क मे सघन स्तब्धता अब मेरी,
और ये मसान तुझे धरा में धूल बना रहा।

55 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

- शब्दो की मिठास -
- शब्दो की मिठास -
bharat gehlot
😊एक दुआ😊
😊एक दुआ😊
*प्रणय*
कुछ लोगो ने मुझको पढ्ना बन्द कर दिया।
कुछ लोगो ने मुझको पढ्ना बन्द कर दिया।
Ashwini sharma
शीत .....
शीत .....
sushil sarna
अब जुदा होकर...
अब जुदा होकर...
Vivek Pandey
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
3500.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3500.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
जुल्फों पर दुप्पटा गिरा लेती है वो
जुल्फों पर दुप्पटा गिरा लेती है वो
Krishan Singh
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
सीता के बूंदे
सीता के बूंदे
Shashi Mahajan
#कैसे कैसे खेल हुए
#कैसे कैसे खेल हुए
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
बंजारा
बंजारा
Mohammed urooj khan
"इंसान और सपना"
Dr. Kishan tandon kranti
#शीर्षक;-ले लो निज अंक मॉं
#शीर्षक;-ले लो निज अंक मॉं
Pratibha Pandey
घर का
घर का
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तुम्ही ने दर्द दिया है,तुम्ही दवा देना
तुम्ही ने दर्द दिया है,तुम्ही दवा देना
Ram Krishan Rastogi
तेरे लिए
तेरे लिए
ललकार भारद्वाज
कैसी निःशब्दता
कैसी निःशब्दता
Dr fauzia Naseem shad
"मुश्किलों से मुकाबला कर रहा हूँ ll
पूर्वार्थ
*
*"घंटी"*
Shashi kala vyas
बेमेल शादी!
बेमेल शादी!
कविता झा ‘गीत’
अनुरोध किससे
अनुरोध किससे
Mahender Singh
तुम्हारी जय जय चौकीदार
तुम्हारी जय जय चौकीदार
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
खालीपन
खालीपन
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
चलता समय
चलता समय
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
*संस्कारों की दात्री*
*संस्कारों की दात्री*
Poonam Matia
मैं झुका नहीं मैं गिरा नहीं
मैं झुका नहीं मैं गिरा नहीं
VINOD CHAUHAN
ok9 là một trong những sân chơi trực tuyến hàng đầu, được đô
ok9 là một trong những sân chơi trực tuyến hàng đầu, được đô
9ok9 net
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
अभिमान है हिन्दी
अभिमान है हिन्दी
अरशद रसूल बदायूंनी
Loading...