मशगूल युवा
मशगूल युवा
आज का युवा कितना मगरूर दिख रहा है
न जाने किस मद मे चूर दिख रहा है
मेहनत की जगह जुगाड खोजता है
तरक्की के लिए प्रगाड खोजता है
ब्रॉडेड पहन कर शालीन बन रहा है
बुजुर्गो की सम्पत्ती से कुलीन बन रहा है
पब और जश्न मे मंजिल ढूंढ रहा है
रिश्तो की तौहीन कर रहा है
विदेशी संस्कारो की तालीम ले रहा है
बस यू ही मशगूल दिख रहा है
न जाने किस मद मे चूर दिख रहा है
नीरा रानी …