मर्यादा पुरषोत्तम
“मर्यादा पुरषोत्तम”
पधारे राम धरती पर
अवतार विष्णु का लेकर
मर्यादित कर्म से अपने
किया प्रहार दुष्टों पर
निभाकर वचन पिता का
बढ़ाया मान रघुकुल का
निभाई रीत रघुकुल की
दिया संदेश पुत्र धर्म का
किया संहार रावण का
निभाया धर्म पति का
सौंपा राज विभीषण को
दिया संदेश मित्रता का
त्याग ,तपस्या और धैर्य का
संगम अदभुद है राम का
यही कारण है नाम पड़ा है
‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ राम का
इति।
इंजी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश।