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24 Jun 2024 · 1 min read

मर्द

मर्द
हो गया गर किसी का,
किसी और का हो नहीं सकता

जो दर्द है दिल में,
किसी से कह नहीं सकता

किसी के कांधे पर रखकर
सिर रो नही सकता

उसके खालीपन को कोई
कभी भर नहीं सकता

वक्त के साथ ….
धीरे-धीरे वह शांत हो जाएगा
ना जाने कब सुशांत हो जाएगा।

Shubham Anand Manmeet

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