मर्द कभी रोते नहीं हैं
जो दर्द को कम कर ले,
वही मर्द होता है।
जो दूसरों के आंसुओं को,
को पीले वही हमदर्द होता है।
हर कठिनाइयों को साहस के साथ,
स्वीकारता वो इंसान महान होता है।
क्योंकि मर्द कभी रोते नहीं।
कुछ पल पर खुशियों को,
अपने कभी खोते नहीं,
वो दूसरों की हिम्मत बनकर,
जग में खिलखिलाते हैं,
पर दिल पर हुए घाव को,
वो किसी को बताते नहीं हैं।
हर मुश्किलात में वो,
डटकर सामने खड़े हो जाते हैं।
पर हां मर्द कभी रोते नहीं हैं।
वो हारकर भी कभी हारते नहीं,
क्योंकि हां मर्द कभी रोते नहीं।
पर दिलासा की सख्त जरूरत
उन्हें भी होती है यारो,
अपने मुश्किल वक़्त में,
सहारे की जरूरत उन्हें भी होती है,
जो ऊपर से कठोर,
और अंदर से कोमल होते हैं
पर हाँ मर्द कभी रोते नहीं हैं।