मरने के सपने
अपने मरने के सपने सजाए हुए हैं
फूलो का हार तस्वीर पे लटकाए हुए हैं
खुद ही कर लिए आखिरी दिन मुकर्रर
और किस किस को बताए हुए __हैं ?
इतनी भी जल्दी क्या है चले जाने की ?
शायद आप भी किसिके सताए हुए हैं
~विनीत सिंह
Vinit Singh shayari
अपने मरने के सपने सजाए हुए हैं
फूलो का हार तस्वीर पे लटकाए हुए हैं
खुद ही कर लिए आखिरी दिन मुकर्रर
और किस किस को बताए हुए __हैं ?
इतनी भी जल्दी क्या है चले जाने की ?
शायद आप भी किसिके सताए हुए हैं
~विनीत सिंह
Vinit Singh shayari