मम्मी इस छुट्टी में चंदा मामा के घर जाना है
मम्मी इस छुट्टी में चंदा मामा के घर जाना है
चरखा कात रही नानी से मुझको मिलकर आना है
बहुत सताता है गर्मी की छुट्टी में सूरज तपकर
मुझे चांदनी से अब जाकर अपना हाथ मिलाना है
पूछूंगा चंदा मामा से कहाँ लुप्त हो जाते हो
वापस आकर राज दोस्तों को अपने बतलाना है
चंदा मामा की लोरी सुन, हम सपनों में खो जाते
थपकी देकर अब मामा को, मीठी नींद सुलाना है
जब आऊँगा मामा मैं तब नभ की सैर करा देना
तारा मंडल देख मुझे भी अपना ज्ञान बढ़ाना है
चंदा मामा धरती माता याद तुम्हें करती रहती
अब मां के हाथों से तुमको, राखी भी बंधवाना है
अब तक दूर दूर रहकर ही, करते रहे अर्चना हम
तुमको अपने गले लगाकर अब मुमकिन मिल पाना है
डॉ अर्चना गुप्ता