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20 Nov 2018 · 1 min read

ममता

बहोत सुहाना ज़िन्दगी का सफर होता है
माँ का आँचल सर पे हो तो असर होता है।

कट जाती हैं बलाएँ, उसके परछाईं के छुवन से
मां के गोद मे रख सर,हर बच्चा बेखबर होता है।

काजल का टीका लगाना, उसका मुझको मनाना,
थोड़ा आंखे चढ़ा के फिर रोटी खिलाना।
मेरे रूठ जाने पे खुद रोया करती
सीने पे सुला के , वो फिर सोया करती ।

माँ के हंसते ही ,गम का साया बेघर होता है।
मां का आँचल सर पे हो तो असर होता है।

उसकी उंगली ने दुनिया का सफर सिखाया।
मेरे नन्हे कदमों को चलना सिखाया।
वो सब जानती है,वो सब मानती है ,
चुप रह के भी बहोत कुछ कह जाती है।

मां के कदमो में ज़िन्दगी, का घर होता है।
मां का आँचल सर पे हो तो असर होता है

4 Likes · 25 Comments · 367 Views
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