ममता
बहोत सुहाना ज़िन्दगी का सफर होता है
माँ का आँचल सर पे हो तो असर होता है।
कट जाती हैं बलाएँ, उसके परछाईं के छुवन से
मां के गोद मे रख सर,हर बच्चा बेखबर होता है।
काजल का टीका लगाना, उसका मुझको मनाना,
थोड़ा आंखे चढ़ा के फिर रोटी खिलाना।
मेरे रूठ जाने पे खुद रोया करती
सीने पे सुला के , वो फिर सोया करती ।
माँ के हंसते ही ,गम का साया बेघर होता है।
मां का आँचल सर पे हो तो असर होता है।
उसकी उंगली ने दुनिया का सफर सिखाया।
मेरे नन्हे कदमों को चलना सिखाया।
वो सब जानती है,वो सब मानती है ,
चुप रह के भी बहोत कुछ कह जाती है।
मां के कदमो में ज़िन्दगी, का घर होता है।
मां का आँचल सर पे हो तो असर होता है