Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2024 · 1 min read

ममता

तेरा हौले से माॅं कह देना,
मुझे देखकर यूं हॅंस देना,
तन- मन में उठाता हिलोर
ममता का कोई ओर न छोर।
माॅं बनकर है इतना जाना,
स्नेह का अद्भुत खजाना,
हृदय में किसने रखा सकोर?
ममता का कोई ओर ना छोर।
तुझ पर सब न्यौछावर,
तुझे ना लगे बुरी नजर,
तू चाॅंद में बन गई चकोर,
ममता का कोई ओर न छोर।
जननी बन जननी को जाना,
उनकी ममता को पहचाना,
याद आता बीता हुआ दौर,
ममता का कोई ओर न छोर।
तुझ में मेरा बचपन खिलता,
तेरा सपना मुझ में पलता,
तू ही है मेरा चित्त चोर,
ममता का कोई ओर न छोर।
तुम रिश्तो के नव सेतु बने,
प्रणय अर्थों के नव हेतु बने,
पुलकित मेरा पोर-पोर,
ममता का कोई ओर न छोर।

—प्रतीभा आर्य
चेतन एनक्लेव
अलवर (राजस्थान)

Language: Hindi
2 Likes · 127 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
View all
You may also like:
" हिन्दी"
Dr. Kishan tandon kranti
न्यूज़
न्यूज़
rajesh Purohit
19)”माघी त्योहार”
19)”माघी त्योहार”
Sapna Arora
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
Compromisation is a good umbrella but it is a poor roof.
Compromisation is a good umbrella but it is a poor roof.
GOVIND UIKEY
बंद पंछी
बंद पंछी
लक्ष्मी सिंह
करो पढ़ाई
करो पढ़ाई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हौंसले को समेट कर मेघ बन
हौंसले को समेट कर मेघ बन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आसमान की तरफ उगे उस चांद को देखना आप कभी।
आसमान की तरफ उगे उस चांद को देखना आप कभी।
Rj Anand Prajapati
फ़ुर्सत में अगर दिल ही जला देते तो शायद
फ़ुर्सत में अगर दिल ही जला देते तो शायद
Aadarsh Dubey
........?
........?
शेखर सिंह
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
2997.*पूर्णिका*
2997.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*दादा-दादी (बाल कविता)*
*दादा-दादी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
अब नई सहिबो पूछ के रहिबो छत्तीसगढ़ मे
अब नई सहिबो पूछ के रहिबो छत्तीसगढ़ मे
Ranjeet kumar patre
तलाशता हूँ उस
तलाशता हूँ उस "प्रणय यात्रा" के निशाँ
Atul "Krishn"
वो चाहती थी मैं दरिया बन जाऊं,
वो चाहती थी मैं दरिया बन जाऊं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ मेरा तो कुछ तो तुम्हारा जाएगा
कुछ मेरा तो कुछ तो तुम्हारा जाएगा
अंसार एटवी
आजकल कल मेरा दिल मेरे बस में नही
आजकल कल मेरा दिल मेरे बस में नही
कृष्णकांत गुर्जर
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
Dr Archana Gupta
💞मंजिल मिले ना मिले ✨💕
💞मंजिल मिले ना मिले ✨💕
Rituraj shivem verma
किसी को टूट कर चाहना
किसी को टूट कर चाहना
Chitra Bisht
यह जीवन अनमोल रे
यह जीवन अनमोल रे
विजय कुमार अग्रवाल
वाणी में शालीनता ,
वाणी में शालीनता ,
sushil sarna
खुदा ने इंसान बनाया
खुदा ने इंसान बनाया
shabina. Naaz
पहचाना सा एक चेहरा
पहचाना सा एक चेहरा
Aman Sinha
रिश्ते और तहज़ीब
रिश्ते और तहज़ीब
पूर्वार्थ
ज्ञानमय
ज्ञानमय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
2. *मेरी-इच्छा*
2. *मेरी-इच्छा*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
सूर्योदय
सूर्योदय
Madhu Shah
Loading...