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31 May 2024 · 1 min read

ममता की छाँव

ममता की छाँव में
एक बचपन
हँसता, खेलता, मुस्कुराता
अंगड़ाइयाँ लेता
पलता बढ़ता है
रोने पर वही
ममता की छाँव
दिलासा देती पुचकारती
हर सुख-दुख में
ढाल बन साथ खड़ी रहती
वही ममता की छाँव
के आँचल में
जीवन सुगम लगता है
राह की दुश्वारियाँ
कभी महसूस ही नहीं होती
ममता की छाँव
जीवन में अनमोल है
बस यही रिश्ता निःस्वार्थ है
बाकी सब ढोंग दिखावा है…

©️कंचन”अद्वैता”

1 Like · 74 Views
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