मन से भी तेज ( 3 of 25)
मन से भी तेज ( 3 of 25)
एक दिन
मैने वक़्त को देखा ….
कुछ कहती उसके पहले ही
वो डर गया ,
कि मैं कहीं उसे थाम ना लूँ
वो एक ‘घोडे’ पर सवार हो गया
पर तब भी वो ….
बहुत डरा हुआ था ,
क्यूँ कि , मैं ‘ मन ‘ पर सवार थी ,
और मन से भी तेज ….
कहाँ कोई दौड़ पाया है ….
क्षमा ऊर्मिला
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