मन में कितने भ्रम पाले हुए है
मन में कितने भ्रम पाले हुए है
भूखे सो रहे है फुथपाथ में इंसान
पत्थर को चढे निवाले हुए है
सिकुड़ के मर रहा ठंड में इंसान
पत्थर को वस्त्र डाले हुए है
मर रहा गरीबी में इंसान
नोटों के बंडल पत्थर पर सम्भाले हुए है
मुराद पूरी हुई नही वर्षों से
भूखे पेट सोने वालों की
दो दिन के व्रत से खुद को
भक्त बताने वाले हुए है
भूपेंद्र रावत
5।11।2017