मन मसोस कर रोना तो जिंदगी ने ही सीखा दिया है
मन मसोस कर रहना तो जिंदगी ने ही सिखा दिया है
इठलाते गमों को हृदय के बंद पिंजरे में अगोचर रखना,
आस-पास के परिजनों से उम्मीद का रिश्ता तोड़ना,
मुसाफिर की तरह अस्तित्व को खंगालना तो जीवन ने ही सीखा दिया है।
“जी हाँ सब ठीक है ” कहना जब की अंदर ही अंदर तुम रो रहे हो , तुम्हारी अंतरात्मा चीख रही है व्यथा से गालियां दे रहीं है तुम्हें,
ऐसा वीर बनना भी तो जिंदगी ने ही सिखाया है।
कृष्ण को देख कर प्रेरित होना की जन्म से कष्ट का सामना करना आना चाहिए,
और ऐसे ही काटों पर पैर रख के लहू-लुहान होते हुए भी मुस्कुराता चेहरा दिखाना भी जिंदगी ने ही सिखाया है।
बदले में हमने असमान्य सहन शक्ति से जीवन पथ पर चलना जिंदगी को भेंट में वापस दिया है।