मन बहुत उदास है
** मन बहुत उदास है **
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मन बहुत ही उदास है,
बात भी कुछ न खास है।
इस अधूरे जहान में,
आज कोई न पास है।
खूब सब ढूंढ़ते रहे,
दिख रही पर न आस है।
लाख की कोशिशें यहाँ,
बुझ सकी भूख प्यास है।
देख सीरत अभी यहीं,
मान लो यार दास है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)