मन तो मन है
#दिनांक:-5/5/2024
#शीर्षक:-मन तो मन है।
मन प्रीत भी है
मन मीत भी है
मन गीत भी है
मन रीत भी है
मन राह भी है
मन चाह भी है
मन ना-ना भी है
मन हाँ-हाँ भी है
मन नवांश भी है
मन अक्षांश भी है
मन सिद्द भी है
मन बुद्ध भी है
मन मान भी है
मन स्वाभिमान भी है
मन राम श्याम भी है
मन रहीम अकरम भी है
मन जीता जग जीतता है
मन हारा बिखरा संसारा है
मन मन का भेदी नहीं
मन तन का कैदी नहीं
मन जवान, बुढ़ापा अंश नहीं
मन रंग रूप कृष्ण कंश नहीं
विविध का उपकरण मन है
श्रृंगारित यौवन का वरण मन है
क्षणभंगुरता का तारण मन है
मोह माया का कारण मन है……
कुछ भी हो! मन तो मन है
मन के बिना अधूरा जीवन है।
(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई