Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Nov 2021 · 1 min read

“मन के घाव”

कुछ धाव भरजाते है मलमपट्टी से,
लेकिन… मन के घाव होते इतने गहरे…
नहीं भरते वो प्यार दुलारसे….!
फिर… मन का घाव फैलता है,
तन के हर कोने में,
सुईकी तरह चुभता, कष्ट बहुत देता,
दिल को परेशान करता….!!
धीरे-धीरे दीमक की तरह,
अंदर से इंसान को खोखला बनाता….!
फिर भी नहीं पीछा छोड़ता,
अस्तित्व की नीव को ही हिला देता…..!!!

Language: Hindi
2 Comments · 345 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सोच
सोच
Shyam Sundar Subramanian
कोरोना भगाएं
कोरोना भगाएं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
एक ही पक्ष में जीवन जीना अलग बात है। एक बार ही सही अपने आयाम
एक ही पक्ष में जीवन जीना अलग बात है। एक बार ही सही अपने आयाम
पूर्वार्थ
बुंदेली दोहे- रमतूला
बुंदेली दोहे- रमतूला
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है दोस्तों यहां पर,
शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है दोस्तों यहां पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरी आमद में पूरी जिंदगी तवाफ करु ।
तेरी आमद में पूरी जिंदगी तवाफ करु ।
Phool gufran
(4) ऐ मयूरी ! नाच दे अब !
(4) ऐ मयूरी ! नाच दे अब !
Kishore Nigam
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
मेरा शरीर और मैं
मेरा शरीर और मैं
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
मैं गलत नहीं हूँ
मैं गलत नहीं हूँ
Dr. Man Mohan Krishna
उद् 🌷गार इक प्यार का
उद् 🌷गार इक प्यार का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे  शुभ दिन है आज।
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे शुभ दिन है आज।
Anil chobisa
खुशियों को समेटता इंसान
खुशियों को समेटता इंसान
Harminder Kaur
एक मशाल तो जलाओ यारों
एक मशाल तो जलाओ यारों
नेताम आर सी
चांद पर उतरा
चांद पर उतरा
Dr fauzia Naseem shad
जब अथक प्रयास करने के बाद आप अपनी खराब आदतों पर विजय प्राप्त
जब अथक प्रयास करने के बाद आप अपनी खराब आदतों पर विजय प्राप्त
Paras Nath Jha
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*पाई कब छवि ईश की* (कुंडलिया)
*पाई कब छवि ईश की* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
#लघुकविता
#लघुकविता
*प्रणय प्रभात*
तलाश
तलाश
Vandna Thakur
मेरी लाज है तेरे हाथ
मेरी लाज है तेरे हाथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बदली-बदली सी तश्वीरें...
बदली-बदली सी तश्वीरें...
Dr Rajendra Singh kavi
किसकी कश्ती किसका किनारा
किसकी कश्ती किसका किनारा
डॉ० रोहित कौशिक
तेरे जन्म दिवस पर सजनी
तेरे जन्म दिवस पर सजनी
Satish Srijan
*प्रेम कविताएं*
*प्रेम कविताएं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
उपमान (दृृढ़पद ) छंद - 23 मात्रा , ( 13- 10) पदांत चौकल
उपमान (दृृढ़पद ) छंद - 23 मात्रा , ( 13- 10) पदांत चौकल
Subhash Singhai
" ज़ख़्मीं पंख‌ "
Chunnu Lal Gupta
Loading...