मन के उद्गार
अग्रजा आ. सुमन सुहाग जी’ के बारे में मेरे मन के उद्गार:-
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लेखन में मुझको मिला, जिनके कारण मान।
नित्य हृदय देता उन्हे, माथ नवा सम्मान।
माथ नवा सम्मान, अग्रजा पूज्य हमारी।
कहते सुमन सुहाग, रचें कविताएं प्यारी।।
नेह दया की खान, अग्रजा हैं देखन में।
मिले सत्य हरबार, सदा उनकी लेखन में।।
ईश्वर से है प्रार्थना, बस इतनी मनुहार।
सदा सलामत अग्रजा, सुखद रहे परिवार।।
सुखद रहे परिवार, न कोई विपदा आये।
हर्ष रूप वारिद, सदा आलय पर छाये।।
कहे सचिन कविराय, सुखी रखना परमेश्वर।
प्रेम भरे मनुहार, मान लेना जी ईश्वर।।
✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’